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मेरी आखिरी ख्वाहिश |
Dr. Meenakshi suthar |
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Year of Publish -2019 |
Month - February |
ISBN : - 978-93-86785-28-2 |
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Preface
दोपहर का समय था अचानक से दरवाजा बजने की आवाज, साथ ही बातें करने की हलचल जो खुशी को जाहिर करती है।
‘‘बेटा दरवाजा खोल‘‘
‘‘हाँ! आंटी खोलती हूँ“
जैसे ही दरवाजा खुला खुशी की लहर पुरे घर में फैल गई।
ताई ने बडी माँ के पैर छुए व बड़ी आसानी से ढे़र सारा प्यार और आशीर्वाद पा लिया। बडी माँ के साथ उनके बडे बेटे की बहू और बेटी भी थी, कुछ विशेष काम नहीं था, बस ताई से मिलने।
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