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किरातार्जुनीयम् महाकाव्य प्रथम सर्ग |
Dr. Jai Shree |
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Year of Publish -2022 |
Month - June |
ISBN : - 978-93-91684-03-7 |
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Preface
संस्कृत भाषा सबसे प्राचीन भाषा है। यह भाषा अनेक भाषाओं की जननी हैं। इस भाषा के गोद में कई भाषाएं उत्पन्न होकर विकसित हुई है। संस्कृत-साहित्य में महाकाव्य का विशेष महत्त्व है। इस काव्य के लेखन की परम्परा अत्यधिक पुरानी है। इस महाकाव्य को विद्वानों ने विकसित तथा समृद्ध करने में अपना विशेष योगदान दिया है। मानव जीवन से सम्बन्धित समस्त विषय इस साहित्य में उपलब्ध हैं यथा- वेद, वेदाग्, उपनिषद, ब्राताण, आरण्यक, दर्शन, व्याकरण, ज्योतिष, काव्य, महाकाव्य आदि। किन्तु यहाँ पर विशेष रूप से महाकाव्य के विषय में चर्चा की जाएगी।
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